ख्वाहिश चाहत से बढ़ गई तू इबादत हो गई हैं मेरी नींदों को भी तेरे सपनों की आदत हो गई हैं ! - Neend Shayari

ख्वाहिश चाहत से बढ़ गई तू इबादत हो गई हैं मेरी नींदों को भी तेरे सपनों की आदत हो गई हैं !

Neend Shayari