आँखो मे आँसुओ की लकीर बन गई जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई ! - Tareef Shayari

आँखो मे आँसुओ की लकीर बन गई जैसी चाहिए थी वैसी तकदीर बन गई !

Tareef Shayari