लाख समझाया उनको कि दुनिया शक करती है, मगर उनकी आदत नहीं गई, मुस्कुरा कर गुजरने की। - Shak Shayari

लाख समझाया उनको कि दुनिया शक करती है, मगर उनकी आदत नहीं गई, मुस्कुरा कर गुजरने की।

Shak Shayari