जिगर की आग बुझे जिससे जल्द वो शय ला, लगा के बर्फ़ में साक़ी, सुराही-ए-मय ला। - Nasha Shayari

जिगर की आग बुझे जिससे जल्द वो शय ला, लगा के बर्फ़ में साक़ी, सुराही-ए-मय ला।

Nasha Shayari