नक़ाब क्या छुपाएगा शबाब-ए-हुस्न को, निगाह-ए-इश्क तो पत्थर भी चीर देती है । - True Love Shayari

नक़ाब क्या छुपाएगा शबाब-ए-हुस्न को, निगाह-ए-इश्क तो पत्थर भी चीर देती है ।

True Love Shayari