मतलबी दुनिया में लोग खड़े हैं, हातो में पत्थर लेकर मैं कहां तक भागू शीशे का मुकद्दर लेकर. - Matlabi Shayari

मतलबी दुनिया में लोग खड़े हैं, हातो में पत्थर लेकर मैं कहां तक भागू शीशे का मुकद्दर लेकर.

Matlabi Shayari