हुस्न के साथ मतलबी नकाब निकलता है, अक्सर चमकता सोना खराब निकलता है। - Matlabi Shayari

हुस्न के साथ मतलबी नकाब निकलता है, अक्सर चमकता सोना खराब निकलता है।

Matlabi Shayari