बहुत ज्यादा हर्ट है यार किसी को बहुत मानते है और वही इंसान हमें कुछ नहीं मानता। - Matlabi Shayari

बहुत ज्यादा हर्ट है यार किसी को बहुत मानते है और वही इंसान हमें कुछ नहीं मानता।

Matlabi Shayari