तू समन्दर है तो क्यूँ आँख दिखाता है मुझे और से प्यास बुझाना अभी आता है मुझे! - Samandar Shayari

तू समन्दर है तो क्यूँ आँख दिखाता है मुझे और से प्यास बुझाना अभी आता है मुझे!

Samandar Shayari