वाकीफ तो रावण भी था, अपने अंजाम से, जिद तो अपने अंदाज से जीने की थी। - Anjaam Shayari

वाकीफ तो रावण भी था, अपने अंजाम से, जिद तो अपने अंदाज से जीने की थी।

Anjaam Shayari