आईना और दिल का एक ही फ़साना हैं, आखिरी अंजाम दोनों का टूट कर बिखर जाना हैं।

आईना और दिल का एक ही फ़साना हैं, आखिरी अंजाम दोनों का टूट कर बिखर जाना हैं।

Anjaam Shayari

आग़ाज़-ए-आशि़की का मज़ा आप जानिए, अंजाम -ए-आशि़की का मज़ा हम से पूछिए।

आग़ाज़-ए-आशि़की का मज़ा आप जानिए, अंजाम -ए-आशि़की का मज़ा हम से पूछिए।

अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की, मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई।

अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की, मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई।

वाकीफ तो रावण भी था, अपने अंजाम से, जिद तो अपने अंदाज से जीने की थी।

वाकीफ तो रावण भी था, अपने अंजाम से, जिद तो अपने अंदाज से जीने की थी।

लिख रहा हूँ मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।

लिख रहा हूँ मैं अंजाम, जिसका कल आगाज आएगा, मेरे लहू का हर एक कतरा इंकलाब लाएगा।

तिरा ख़त आने से दिल को मेरे आराम क्या होगा, ख़ुदा जाने कि इस आग़ाज़ का अंजाम क्या होगा ।

तिरा ख़त आने से दिल को मेरे आराम क्या होगा, ख़ुदा जाने कि इस आग़ाज़ का अंजाम क्या होगा ।

 बेहद करीब है वो शख्स आज भी मेरे इस दिल के, जिसने खामोशियों का सहारा लेके दूरियों को अंजाम दिया।

बेहद करीब है वो शख्स आज भी मेरे इस दिल के, जिसने खामोशियों का सहारा लेके दूरियों को अंजाम दिया।

एक आग़ाज़ उभरता है हर अंजाम के बाद. एक अंजाम भी पलता है हर आग़ाज़ के साथ!

एक आग़ाज़ उभरता है हर अंजाम के बाद. एक अंजाम भी पलता है हर आग़ाज़ के साथ!

बेवफा वक़्त था तुम थे या मुकद्दर था मेरा बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला ।

बेवफा वक़्त था तुम थे या मुकद्दर था मेरा बात इतनी ही है कि अंजाम जुदाई निकला ।

आग़ाज़-ए-मोहब्बत से अंजाम-ए-मोहब्बत तक, गुज़रा है जो कुछ हम पर तुम ने भी सुना होगा।

आग़ाज़-ए-मोहब्बत से अंजाम-ए-मोहब्बत तक, गुज़रा है जो कुछ हम पर तुम ने भी सुना होगा।

फ़िक्र आग़ाज़ ही की है सब को. कोई अंजाम सोचता ही नहीं!

फ़िक्र आग़ाज़ ही की है सब को. कोई अंजाम सोचता ही नहीं!

अगर जुदाई जरुरी है तो बेशक रुठ जाओ तुम

अगर जुदाई जरुरी है तो बेशक रुठ जाओ तुम "जी" सकते हो, तो मर "मैं" भी नहीं जाऊँगा ।

 पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त, आँखों में डूबने वालों का अंजाम बुरा होता है।

पानी में तैरना सीख ले मेरे दोस्त, आँखों में डूबने वालों का अंजाम बुरा होता है।

वो कभी आग़ाज़ कर सकते नहीं, ख़ौफ़ लगता है जिन्हें अंजाम से!

वो कभी आग़ाज़ कर सकते नहीं, ख़ौफ़ लगता है जिन्हें अंजाम से!

बेवफ़ा मैं था वक़्त था या मुक़द्दर था, बात जो भी थी अंजाम जुदाई निकला!

बेवफ़ा मैं था वक़्त था या मुक़द्दर था, बात जो भी थी अंजाम जुदाई निकला!

जुदा आग़ाज़ से अंजाम से दूर मोहब्बत इक मुसलसल माजरा है!

जुदा आग़ाज़ से अंजाम से दूर मोहब्बत इक मुसलसल माजरा है!

आग़ाज़-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना है, जो  दिल की तमन्ना थी अब दिल में ही रह गयी।

आग़ाज़-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना है, जो दिल की तमन्ना थी अब दिल में ही रह गयी।

अगर अंजाम की परवाह होती मुझे, तो मोहब्बत करना ही छोड़ देती मै, जिद्द तो मेरे प्यार में है, और जिद्द की बड़ी ही पक्की हूं मै।

अगर अंजाम की परवाह होती मुझे, तो मोहब्बत करना ही छोड़ देती मै, जिद्द तो मेरे प्यार में है, और जिद्द की बड़ी ही पक्की हूं मै।

हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यूँ है, अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें!

हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यूँ है, अब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें!