आफत है तेरे खत के फाड़े हुये पुर्जे, रख्खे भी नहीं जाते फेंके भी नहीं जाते। - Aafat Shayari

आफत है तेरे खत के फाड़े हुये पुर्जे, रख्खे भी नहीं जाते फेंके भी नहीं जाते।

Aafat Shayari