आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन मरता हूँ मैं जिस पर वो अदा और ही कुछ है! - Aafat Shayari

आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन मरता हूँ मैं जिस पर वो अदा और ही कुछ है!

Aafat Shayari