अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा जिसे वो शहर कहते हैं,  जहाँ लोग मिलते कम, झाँकते ज्यादा हैं.   - Basti Shayari

अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा जिसे वो शहर कहते हैं, जहाँ लोग मिलते कम, झाँकते ज्यादा हैं.

Basti Shayari