Basti Shayari, Status, and Images in Hindi

Best Basti Status, Shayari, Messages, and Quotes With Images in Hindi.

Heart Touching Basti Shayari

वो हो जायेंगे खुश कुछ पतगें लूट कर ही, ऐ हवा तु अपना रुख गरीबों की बस्ती तरफ ही रखना.

अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा जिसे वो शहर कहते हैं, जहाँ लोग मिलते कम, झाँकते ज्यादा हैं.

तुम भी झूमो मस्ती में हम भी झूमे मस्ती में, शोर है आज बस्ती में झूम रहे है सब मस्ती में.

हादसों के जद आके क्या मुस्कुराना छोड़ देंगे एक बस्ती बिखर गयी तो क्या बस्ती बसाना छोड़ देंगे.

पत्थर सा दिल कहाँ से लाऊ, कंक्रीट की बस्ती में निभ पाऊं.

खुदगर्जो की बस्ती में एहसान भी गुनाह है, जिसे तैरना सिखाओ वही डुबाने को तैयार रहता है.

तेरे कूचे में जो आया है ग़ुलामों की तरह, अपनी बस्ती का सिकंदर भी तो हो सकता है.

बस्ती जंगल सी लगे, मैँ जाऊँ किस ओर, घात लगाये राह मेँ, बैठे आदमखोर.

इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा, जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है.

एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे, वो भी अलग हट गयी आधियों को इशारा करके.

हम तो रह के दिल्ली में ढूँडते हैं दिल्ली को पूछिए 'रविश' किस से क्या यही वो बस्ती है.

इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा. जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है !

Basti Shayari Images - Download and Share

वो हो जायेंगे खुश कुछ पतगें लूट कर ही,  ऐ हवा तु अपना रुख गरीबों की बस्ती तरफ ही रखना.
अजीब सी बस्ती में ठिकाना है मेरा जिसे वो शहर कहते हैं,  जहाँ लोग मिलते कम, झाँकते ज्यादा हैं.
तुम भी झूमो मस्ती में हम भी झूमे मस्ती में,  शोर है आज बस्ती में झूम रहे है सब मस्ती में.
हादसों के जद आके क्या मुस्कुराना छोड़ देंगे  एक बस्ती बिखर गयी तो क्या बस्ती बसाना छोड़ देंगे.
  पत्थर सा दिल कहाँ से लाऊ,  कंक्रीट की बस्ती में निभ पाऊं.
खुदगर्जो की बस्ती में एहसान भी गुनाह है, जिसे तैरना सिखाओ वही डुबाने को तैयार रहता है.
तेरे कूचे में जो आया है ग़ुलामों की तरह, अपनी  बस्ती का सिकंदर भी तो हो सकता है.
 बस्ती जंगल सी लगे, मैँ जाऊँ किस ओर, घात लगाये राह मेँ, बैठे आदमखोर.
 इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा, जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है.
एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे, वो भी अलग हट गयी आधियों को इशारा करके.
हम तो रह के दिल्ली में ढूँडते हैं दिल्ली को पूछिए 'रविश' किस से क्या यही वो बस्ती है.
इस बस्ती में कौन हमारे आँसू पोंछेगा. जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है !