🌧️बरसों बाद न जाने क्या समां होगा, हमसब 👬दोस्तों में न जानें कौन कहाँ होगा, अगर मिलना हुआ तो मिलेंगें 😴ख्वाबों में, जैसे सूखे हुये 🌹गुलाब मिलते हैं 📖किताबों में।
माता और पिता अज़ीज़ भी वो हे, नसीब भी वो हे, दुनिया की भीड़ में करीब भी वो हे, उनके आशीर्वाद से ही चलती है ज़िन्दगी. खुदा भी वो हैं तक़दीर भी वो हे।
Good Morning