इस बार बरस जाए ईमान की बारिश, लोगों के ज़मीर पर धूल बहुत है.   - Baras Shayari

इस बार बरस जाए ईमान की बारिश, लोगों के ज़मीर पर धूल बहुत है.

Baras Shayari