चाँद को चाहने वाले है बहुत, चाँद की मग़र चाहत हैं चाँदनी।

चाँद को चाहने वाले है बहुत, चाँद की मग़र चाहत हैं चाँदनी।

Chandani Shayari

जो हमारी पीठ पीछे हमारी बुराई करते हैं सामबे आकर चुप हो जाते हैं उनकी ज़ुबान नहीं खुलती।

जो हमारी पीठ पीछे हमारी बुराई करते हैं सामबे आकर चुप हो जाते हैं उनकी ज़ुबान नहीं खुलती।

मुझे भी आता है अंदाज़ दिल तोड़ने के हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ।

मुझे भी आता है अंदाज़ दिल तोड़ने के हर दिल में ख़ुदा बसता है यही सोचकर चुप हूँ।

यह चुप रहना मेरी तब ताकत बन जाता है जब कोई गलत बोलने के बाद पछताता है।

यह चुप रहना मेरी तब ताकत बन जाता है जब कोई गलत बोलने के बाद पछताता है।

तेरे बारे में बुरा सुनकर चुप रहा नहीं जाता जो बोले तेरे बारे में उससे ही हूँ मैं लड़ जाता।

तेरे बारे में बुरा सुनकर चुप रहा नहीं जाता जो बोले तेरे बारे में उससे ही हूँ मैं लड़ जाता।

हम अपने दिल की बात दिल में ही दबाए फिरते हैं हम एक तरफा प्यार कर तुड़पते फिर रहे हैं।

हम अपने दिल की बात दिल में ही दबाए फिरते हैं हम एक तरफा प्यार कर तुड़पते फिर रहे हैं।

चुप रहना मजबूरी सी बन जाता है जब आपके बोलने से आपका प्यार फस सकता हो।

चुप रहना मजबूरी सी बन जाता है जब आपके बोलने से आपका प्यार फस सकता हो।

जरूरी नहीं प्यार में सब कुछ कहना प्यार जताने का नया तरीका हैं चुप रहना।

जरूरी नहीं प्यार में सब कुछ कहना प्यार जताने का नया तरीका हैं चुप रहना।

मेरा प्यार जल रहा है अरे चाँद आज छुप जा, कभी प्यार था हमें भी तेरी चाँदनी से पहले।

मेरा प्यार जल रहा है अरे चाँद आज छुप जा, कभी प्यार था हमें भी तेरी चाँदनी से पहले।

 कभी चुप चाप तारीकी की चादर ओढ़ लेती है, कभी वो झील शब भर चाँदनी से बात करती है।

कभी चुप चाप तारीकी की चादर ओढ़ लेती है, कभी वो झील शब भर चाँदनी से बात करती है।

 बरस पड़ी थी जो रुख़ से नक़ाब उठाने में, वो चाँदनी है अभी तक मेरे ग़रीब-ख़ाने में ।

बरस पड़ी थी जो रुख़ से नक़ाब उठाने में, वो चाँदनी है अभी तक मेरे ग़रीब-ख़ाने में ।

चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है, उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है।

चाँद तो अपनी चाँदनी को ही निहारता है, उसे कहाँ खबर कोई चकोर प्यासा रह जाता है।

 मेरा प्यार जल रहा है अरे चाँद आज छुप जा, कभी प्यार था हमें भी तेरी चाँदनी से पहले।

मेरा प्यार जल रहा है अरे चाँद आज छुप जा, कभी प्यार था हमें भी तेरी चाँदनी से पहले।

 एक चाँद की चाँदनी आँखों को ऐसी भा गई, बेवजह ही सुबह से दुश्मनी हो गई।

एक चाँद की चाँदनी आँखों को ऐसी भा गई, बेवजह ही सुबह से दुश्मनी हो गई।

है निस-ए-शब वो दिवाना अभी तक घर नहीं आया, किसी से चाँदनी रातों का किस्सा छिड़ गया होगा।

है निस-ए-शब वो दिवाना अभी तक घर नहीं आया, किसी से चाँदनी रातों का किस्सा छिड़ गया होगा।

वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है, बहुत अज़ीज़ हमें है, मगर पराया है!

वो चाँदनी का बदन ख़ुशबुओं का साया है, बहुत अज़ीज़ हमें है, मगर पराया है!

चाँदनी और चाँद में लो गुफ़्तगु छिड़ गई, सितारे हुए खामोश, महफ़िल जम गई।

चाँदनी और चाँद में लो गुफ़्तगु छिड़ गई, सितारे हुए खामोश, महफ़िल जम गई।

चाँद की ज़रूरत हैं जैसे चाँदनी के लिए, बस एक सनम चाहिए आशिकी के लिए।

चाँद की ज़रूरत हैं जैसे चाँदनी के लिए, बस एक सनम चाहिए आशिकी के लिए।

एक चाँद की चाँदनी आँखों को ऐसी भा गई, बेवजह ही सुबह से दुश्मनी हो गई ।

एक चाँद की चाँदनी आँखों को ऐसी भा गई, बेवजह ही सुबह से दुश्मनी हो गई ।