जो चेहरे दिखते नहीं थे मोहल्ले में, भुकंप ने सबका दीदार करा दिया. - Deedar Shayari

जो चेहरे दिखते नहीं थे मोहल्ले में, भुकंप ने सबका दीदार करा दिया.

Deedar Shayari