जो चेहरे दिखते नहीं थे मोहल्ले में, भुकंप ने सबका दीदार करा दिया.

जो चेहरे दिखते नहीं थे मोहल्ले में, भुकंप ने सबका दीदार करा दिया.

Deedar Shayari

ग़र भुला सको तो एक बुरी याद हूँ मैं, ग़र सिने में छुपाओ तो एक दिलचस्प अहसास हूँ मैं.

ग़र भुला सको तो एक बुरी याद हूँ मैं, ग़र सिने में छुपाओ तो एक दिलचस्प अहसास हूँ मैं.

करीब रहा करो शायरों के दिलचस्प इनकी कहानी होती है, हो उम्र कितनी भी अंदाज-ए-बयाँ में इनके जवानी होती है.

करीब रहा करो शायरों के दिलचस्प इनकी कहानी होती है, हो उम्र कितनी भी अंदाज-ए-बयाँ में इनके जवानी होती है.

एक तेरा ही तो ख्याल है मेरे पास, वरना कौन अकेले में मुस्कुराता है.

एक तेरा ही तो ख्याल है मेरे पास, वरना कौन अकेले में मुस्कुराता है.

जरूरी तो नहीं है कि तुझे आँखों से ही देखूं, तेरी याद का आना भी,तेरे दीदार से कम नहीं.

जरूरी तो नहीं है कि तुझे आँखों से ही देखूं, तेरी याद का आना भी,तेरे दीदार से कम नहीं.

हम बेकसूर लोग भी बड़े दिलचस्प होते है, शर्मिंदा हो जाते है खता के बगैर भी.

हम बेकसूर लोग भी बड़े दिलचस्प होते है, शर्मिंदा हो जाते है खता के बगैर भी.

बड़ा दिलचस्प है, तेरी याद का सिलसिला, कभी एक पल कभी पल-पल, कभी हर पल.

बड़ा दिलचस्प है, तेरी याद का सिलसिला, कभी एक पल कभी पल-पल, कभी हर पल.

मोहब्बत जब तक नहीं होती है, तब तक ही दिलचस्प होती है..

मोहब्बत जब तक नहीं होती है, तब तक ही दिलचस्प होती है..

हर रोज वो मुझे हैरान करती जा रही है, हर रोज वो बेहद दिलचस्प होती जा रही है.

हर रोज वो मुझे हैरान करती जा रही है, हर रोज वो बेहद दिलचस्प होती जा रही है.

हम तड़प गये आपके दीदार को, दिल फिर भी आपके लिए दुआ करता है, हमसे अच्छा तो आपके घर का आईना है, जो हर रोज़ आपका दीदार तो करता है।

हम तड़प गये आपके दीदार को, दिल फिर भी आपके लिए दुआ करता है, हमसे अच्छा तो आपके घर का आईना है, जो हर रोज़ आपका दीदार तो करता है।

एक ही बार नज़र पड़ती है उन पर ‘ताबिश’ और फिर वो ही लगातार नज़र आते हैं

एक ही बार नज़र पड़ती है उन पर ‘ताबिश’ और फिर वो ही लगातार नज़र आते हैं

कोई मुक़दमा ही कर दो हमारे सनम पर, कम से कम हर पेशी पर दीदार तो हो जायेगा।

कोई मुक़दमा ही कर दो हमारे सनम पर, कम से कम हर पेशी पर दीदार तो हो जायेगा।

कुछ नज़र आता नहीं उस के तसव्वुर के सिवा, हसरत-ए-दीदार ने आँखों को अंधा कर दिया.

कुछ नज़र आता नहीं उस के तसव्वुर के सिवा, हसरत-ए-दीदार ने आँखों को अंधा कर दिया.

घड़ी पर हाथ रख लेता था मैं, जब तू मुझको देखता था मुस्कुरा के

घड़ी पर हाथ रख लेता था मैं, जब तू मुझको देखता था मुस्कुरा के

देखो तो चश्म-ए-यार की जादू-निगाहियाँ बेहोश इक नज़र में हुई अंजुमन तमाम

देखो तो चश्म-ए-यार की जादू-निगाहियाँ बेहोश इक नज़र में हुई अंजुमन तमाम

दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना, क्योंकि 'नकाब' हो या 'नसीब' सरकता जरूर है।

दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना, क्योंकि 'नकाब' हो या 'नसीब' सरकता जरूर है।

गयी थी मंदिर उनका दीदार हो गया, पहले सावन का पहला सोमवार हो गया.

गयी थी मंदिर उनका दीदार हो गया, पहले सावन का पहला सोमवार हो गया.

न होती है मुलाकातें न ही दीदार होता है, नजर अंदाज़ करने का गज़ब अंदाज़ है उसका.

न होती है मुलाकातें न ही दीदार होता है, नजर अंदाज़ करने का गज़ब अंदाज़ है उसका.

मिलावट है तेरे इश्क में, इत्र और शराब की, कभी हम महक जाते है, कभी हम बहक जाते हैं.

मिलावट है तेरे इश्क में, इत्र और शराब की, कभी हम महक जाते है, कभी हम बहक जाते हैं.