सारी फितरत नकाबों में छुपा रखी है, सिर्फ तस्वीर उजालों में लगा रखी है।
 - New Shayari

सारी फितरत नकाबों में छुपा रखी है, सिर्फ तस्वीर उजालों में लगा रखी है।

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