तहज़ीब के खिलाफ हुआ सच का बोलना, अब झूठ ज़िन्दगी के सलीक़े में आ गया।
 - New Shayari

तहज़ीब के खिलाफ हुआ सच का बोलना, अब झूठ ज़िन्दगी के सलीक़े में आ गया।

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