वो मेहरबान है तो इकरार क्यूँ नहीं करता, वो बदगुमाँ है तो सौ बार आजमाये मुझे। - sad shayari

वो मेहरबान है तो इकरार क्यूँ नहीं करता, वो बदगुमाँ है तो सौ बार आजमाये मुझे।

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