आईना मेरा मेरे अपनों से बढ़कर निकला, जब भी मैं रोया कमबख्त मेरे साथ ही रोया… - dard bhari shayari

आईना मेरा मेरे अपनों से बढ़कर निकला, जब भी मैं रोया कमबख्त मेरे साथ ही रोया…

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