एक हसरत थी, कि कभी वो भी हमें मनायें,पर ये कमबख्त दिल कभी, उनसे रूठा ही नहीं। - Pyar Bhari Shayari

एक हसरत थी, कि कभी वो भी हमें मनायें,पर ये कमबख्त दिल कभी, उनसे रूठा ही नहीं।

Pyar Bhari Shayari

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