गुज़रे दिनों की भूली हुई बात की तरह, आँखों में जागता है कोई रात की तरह, उससे उम्मीद थी की निभाएगा साथ वो, वो भी बदल गया मेरे हालात की तरह। - bewafa shayari

गुज़रे दिनों की भूली हुई बात की तरह, आँखों में जागता है कोई रात की तरह, उससे उम्मीद थी की निभाएगा साथ वो, वो भी बदल गया मेरे हालात की तरह।

bewafa shayari

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