ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना, मेरे भरोसे को रुस्वा न करना, दिल में तेरे कोई और बस जाये तो बता देना, मेरे दिल में रहकर बेवफाई न करना। - bewafa shayari

ऐ दोस्त कभी ज़िक्र-ए-जुदाई न करना, मेरे भरोसे को रुस्वा न करना, दिल में तेरे कोई और बस जाये तो बता देना, मेरे दिल में रहकर बेवफाई न करना।

bewafa shayari

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