हमारी तबियत भी न जान सके हमे बेहाल देखकर, और हम कुछ न बता सके उन्हें खुशहाल देखकर। - bewafa shayari

हमारी तबियत भी न जान सके हमे बेहाल देखकर, और हम कुछ न बता सके उन्हें खुशहाल देखकर।

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