समय की आंच में पत्थर भी पिघल जाते है, ख़ुशी के लम्हे गम में बदल जाते है, कौन करता है याद किसी को यारा, समय के साथ खयालात भी बदल जाते है। - Waqt Shayari

समय की आंच में पत्थर भी पिघल जाते है, ख़ुशी के लम्हे गम में बदल जाते है, कौन करता है याद किसी को यारा, समय के साथ खयालात भी बदल जाते है।

Waqt Shayari