रात नहीं ख्वाब बदलता है... मंज़िल नहीं करवा बदलता  है.. जज़्बा रखो हर दम जीतने का .. क्यूंकि किस्मत चाहे  बदले न बदले “समय” जरूर  बदलता  है ! - Waqt Shayari

रात नहीं ख्वाब बदलता है... मंज़िल नहीं करवा बदलता है.. जज़्बा रखो हर दम जीतने का .. क्यूंकि किस्मत चाहे बदले न बदले “समय” जरूर बदलता है !

Waqt Shayari