कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा, आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में...  - Waqt Shayari

कल मिला वक़्त तो ज़ुल्फ़ें तेरी सुलझा लूंगा, आज उलझा हूँ ज़रा वक़्त के सुलझाने में...

Waqt Shayari