ना करो हिमाकत किसी के वक़्त पर हसने की ये वक़्त है जनाब चेहरे याद रखता है।  - Waqt Shayari

ना करो हिमाकत किसी के वक़्त पर हसने की ये वक़्त है जनाब चेहरे याद रखता है।

Waqt Shayari

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