जिसका ये ऐलान है कि वो मज़े में है, या तो वो फ़कीर है या फिर नशे में है।

जिसका ये ऐलान है कि वो मज़े में है, या तो वो फ़कीर है या फिर नशे में है।

2 LINES Shayari

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है, जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है।

पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है, जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है।

कौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती दिलों में चाहत हो तो चेहरे यूँ ही निखर आते है!

कौन कहता है संवरने से बढ़ती है खूबसूरती दिलों में चाहत हो तो चेहरे यूँ ही निखर आते है!

बेशक तू समझदार है पर मुझे समझाने की जरुरत नहीं है!

बेशक तू समझदार है पर मुझे समझाने की जरुरत नहीं है!

मत सहल हमें जानो फिरता है फ़लक बरसों, तब ख़ाक के पर्दे से इंसान निकलते हैं।

मत सहल हमें जानो फिरता है फ़लक बरसों, तब ख़ाक के पर्दे से इंसान निकलते हैं।

ज़िन्दगी से जो भी मिले, सीने से लगा लो, गम को सिक्के की तरह उछाला नहीं करते।

ज़िन्दगी से जो भी मिले, सीने से लगा लो, गम को सिक्के की तरह उछाला नहीं करते।

हम अपने अंदाज में मस्त हैं, जरुरी नहीं की सबको पसंद आए !

हम अपने अंदाज में मस्त हैं, जरुरी नहीं की सबको पसंद आए !

प्यार के दो मीठे बोल से खरीद लो मुझे, दौलत की सोचोगे तो पूरी दुनिया बेचनी पड़ेगी तुम्हे।  !

प्यार के दो मीठे बोल से खरीद लो मुझे, दौलत की सोचोगे तो पूरी दुनिया बेचनी पड़ेगी तुम्हे। !

इंसाँ की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं, दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद।

इंसाँ की ख़्वाहिशों की कोई इंतिहा नहीं, दो गज़ ज़मीं भी चाहिए दो गज़ कफ़न के बाद।

तुझे लगता है कि तेरी बहुत ऊँची शान है, मगर अफ़सोस तू अभी अंजान है !

तुझे लगता है कि तेरी बहुत ऊँची शान है, मगर अफ़सोस तू अभी अंजान है !

आइना कोई ऐसा बना दे, ऐ खुदा जो, इंसान का चेहरा नहीं किरदार दिखा दे।

आइना कोई ऐसा बना दे, ऐ खुदा जो, इंसान का चेहरा नहीं किरदार दिखा दे।

तुम्हारी सोच में बुरे हैं हम तो सोचो तुम्हारी सोच कितनी बुरी है।

तुम्हारी सोच में बुरे हैं हम तो सोचो तुम्हारी सोच कितनी बुरी है।

मैले हो जाते हैं रिश्ते भी लिबासों की तरह कभी-कभी इनको भी मोहब्बत से धोया कीजिए।

मैले हो जाते हैं रिश्ते भी लिबासों की तरह कभी-कभी इनको भी मोहब्बत से धोया कीजिए।

पहले ज़मीं बँटी फिर घर भी बँट गया, इंसान अपने आप में कितना सिमट गया।

पहले ज़मीं बँटी फिर घर भी बँट गया, इंसान अपने आप में कितना सिमट गया।

क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में.. दोस्तों, वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे।

क्या लिखूँ अपनी जिंदगी के बारे में.. दोस्तों, वो लोग ही बिछड़ गए जो जिंदगी हुआ करते थे।

फिर नज़र में फूल महके दिल में फिर शम्में जलीं, फिर तसव्वुर ने लिया उस बज़्म में जाने का नाम।

फिर नज़र में फूल महके दिल में फिर शम्में जलीं, फिर तसव्वुर ने लिया उस बज़्म में जाने का नाम।

बेशक खेल तुम्हारे होंगे लेकिन अब चाल हमारी होगी।

बेशक खेल तुम्हारे होंगे लेकिन अब चाल हमारी होगी।

इश्क की बात न पूछो इश्क बदनाम करता है, रुलाता है हंसाता है बस यही काम करता है।

इश्क की बात न पूछो इश्क बदनाम करता है, रुलाता है हंसाता है बस यही काम करता है।

इन में लहू जला हो हमारा कि जान ओ दिल, महफ़िल में कुछ चराग़ फ़रोज़ाँ हुए तो हैं।

इन में लहू जला हो हमारा कि जान ओ दिल, महफ़िल में कुछ चराग़ फ़रोज़ाँ हुए तो हैं।