पहले ज़मीं बँटी फिर घर भी बँट गया, इंसान अपने आप में कितना सिमट गया। - 2 LINES Shayari

पहले ज़मीं बँटी फिर घर भी बँट गया, इंसान अपने आप में कितना सिमट गया।

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