इन में लहू जला हो हमारा कि जान ओ दिल, महफ़िल में कुछ चराग़ फ़रोज़ाँ हुए तो हैं। - 2 LINES Shayari

इन में लहू जला हो हमारा कि जान ओ दिल, महफ़िल में कुछ चराग़ फ़रोज़ाँ हुए तो हैं।

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