पी लेते हैं एक दूसरे की जूठी सिगरेट भी दोस्ती किसी मजहब की मोहताज नहीं होती !  - Dhokebaaz Dost Shayari

पी लेते हैं एक दूसरे की जूठी सिगरेट भी दोस्ती किसी मजहब की मोहताज नहीं होती !

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