रात तनहाईयों की दुश्मन है, हर सफ़र हमसफ़र से रोशन है, मौज के पास जो किनारा है, वो किनारा हसीन लगता है। - Humsafar Shayari

रात तनहाईयों की दुश्मन है, हर सफ़र हमसफ़र से रोशन है, मौज के पास जो किनारा है, वो किनारा हसीन लगता है।

Humsafar Shayari

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