हमसफ़र मेरे हमसफ़र पंख तुम परवाज़ हम, ज़िंदगी का साज़ हो तुम साज़ की आवाज़ हम। - Humsafar Shayari

हमसफ़र मेरे हमसफ़र पंख तुम परवाज़ हम, ज़िंदगी का साज़ हो तुम साज़ की आवाज़ हम।

Humsafar Shayari

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