अब इस के बाद घने जंगलो की मंजिल है ये वक़्त है के पलट जाएँ हमसफ़र मेरे! - Humsafar Shayari

अब इस के बाद घने जंगलो की मंजिल है ये वक़्त है के पलट जाएँ हमसफ़र मेरे!

Humsafar Shayari