ना तो कारवाँ की तलाश है, ना तो हमसफ़र की तलाश है, मेरे शौक़-ए-खाना खराब को, तेरी रहगुज़र की तलाश है। - Humsafar Shayari

ना तो कारवाँ की तलाश है, ना तो हमसफ़र की तलाश है, मेरे शौक़-ए-खाना खराब को, तेरी रहगुज़र की तलाश है।

Humsafar Shayari