तुम भी चली आया करो कभी मनाने मुझको, यूं बेफज़ूल की नाराज़गी तुमसे, मेरी भी जान लेती है। - Narazgi Shayari

तुम भी चली आया करो कभी मनाने मुझको, यूं बेफज़ूल की नाराज़गी तुमसे, मेरी भी जान लेती है।

Narazgi Shayari