जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया, तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया। - Narazgi Shayari

जब से तुमने रुठे को मनाना छोड़ा दिया, तब से हमने खुदा से भी नाराज होना छोड़ दिया।

Narazgi Shayari