दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक़ दिया जाता है, वरना गैर तो धक्का लगने पर भी माफ़ी मांग लिया करते हैं। - Gulzar Shayari

दर्द भी वही देते हैं जिन्हे हक़ दिया जाता है, वरना गैर तो धक्का लगने पर भी माफ़ी मांग लिया करते हैं।

Gulzar Shayari

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