तुझे बेहतर बनाने की कोशिश में तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम, माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी तुझे ही जी नहीं पा रहे हम। - Gulzar Shayari

तुझे बेहतर बनाने की कोशिश में तुझे ही वक़्त नहीं दे पा रहे हम, माफ़ करना ऐ ज़िन्दगी तुझे ही जी नहीं पा रहे हम।

Gulzar Shayari