बाद मरने के भी अरमान यही है ऐ दोस्त   रूह मेरी तिरे आग़ोश-ए-मोहब्बत में रहे! - Armaan Shayari

बाद मरने के भी अरमान यही है ऐ दोस्त रूह मेरी तिरे आग़ोश-ए-मोहब्बत में रहे!

Armaan Shayari

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