Armaan Shayari, Status, and Images in Hindi

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले.

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले, बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले.

ना सवाल बनके मिला करो, ना जवाब बनके मिला करो, मेरी जिंदगी मेरा ख्वाब है, मुझे ख्वाब बनके मिला करो!

ना सवाल बनके मिला करो, ना जवाब बनके मिला करो, मेरी जिंदगी मेरा ख्वाब है, मुझे ख्वाब बनके मिला करो!

 यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है!

यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है!

 बाद मरने के भी अरमान यही है ऐ दोस्त   रूह मेरी तिरे आग़ोश-ए-मोहब्बत में रहे!

बाद मरने के भी अरमान यही है ऐ दोस्त रूह मेरी तिरे आग़ोश-ए-मोहब्बत में रहे!

उनको खबर है मेरे टूटे अरमानों की, आज जरूरत पड़ेगी काँच के पैमानों की। खाली न होने देना जाम यारों, वर्ना फिर से याद आ जाएगी गुजरे जमाने की।

उनको खबर है मेरे टूटे अरमानों की, आज जरूरत पड़ेगी काँच के पैमानों की। खाली न होने देना जाम यारों, वर्ना फिर से याद आ जाएगी गुजरे जमाने की।

  अभी अरमान कुछ बाक़ी हैं दिल में  मुझे फिर आज़माया जा रहा है!

अभी अरमान कुछ बाक़ी हैं दिल में मुझे फिर आज़माया जा रहा है!

आरज़ू, अरमान, इश्क़, तमन्ना, वफ़ा, मोहब्बत, चीज़ें तो अच्छी है पर दाम बहुत है!

आरज़ू, अरमान, इश्क़, तमन्ना, वफ़ा, मोहब्बत, चीज़ें तो अच्छी है पर दाम बहुत है!

जिन्दगी के लिए जान जरूरी है, जीने के लिए अरमान जरूरी है, हमारे पास चाहे हो कितने भी गम तेरे चेहरे पर मुस्कान जरूरी है.

जिन्दगी के लिए जान जरूरी है, जीने के लिए अरमान जरूरी है, हमारे पास चाहे हो कितने भी गम तेरे चेहरे पर मुस्कान जरूरी है.

 एक रोज तुमसे जरूर मिलेंगे,  दिल के सारे अरमान कहेंगे!

एक रोज तुमसे जरूर मिलेंगे, दिल के सारे अरमान कहेंगे!

वह वाकिफ मेरे हाल से कि मैं बेचैन इस रात से वह शातिर अपने अंदाज से मैं अनजान उसकी चाल से!

वह वाकिफ मेरे हाल से कि मैं बेचैन इस रात से वह शातिर अपने अंदाज से मैं अनजान उसकी चाल से!

 मेरी जिद, मेरा अरमान है तू,  मैं अधूरा हूँ तेरे बिन, मेरी पहचान है तू!

मेरी जिद, मेरा अरमान है तू, मैं अधूरा हूँ तेरे बिन, मेरी पहचान है तू!

ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं, हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत हैं, दिल के दर्द सुनाएं तो किसको, जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत हैं!

ज़रा सी ज़िंदगी है, अरमान बहुत हैं, हमदर्द नहीं कोई, इंसान बहुत हैं, दिल के दर्द सुनाएं तो किसको, जो दिल के करीब है, वो अनजान बहुत हैं!

चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें,  अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे दें

चलो आज खामोश प्यार को इक नाम दे दें, अपनी मुहब्बत को इक प्यारा अंज़ाम दे दें

यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है!

यूँ ही भटकते रहते हैं अरमान तुझसे मिलने के, न ये दिल ठहरता है न तेरा इंतज़ार रुकता है!

कभी किसी को इतना इग्नोर मत करो, कि वो आपके बिना ही रहना सीख जाये, क्योकि जब आप किसी को इग्नोर करते है तो आंखे ही नहीं दिल भी रोता है!

कभी किसी को इतना इग्नोर मत करो, कि वो आपके बिना ही रहना सीख जाये, क्योकि जब आप किसी को इग्नोर करते है तो आंखे ही नहीं दिल भी रोता है!

   दो हिस्सों में बंट गए है, मेरे दिल के तमाम अरमान, कुछ तुझे पाने निकले, तो कुछ मुझे समझाने निकले..

दो हिस्सों में बंट गए है, मेरे दिल के तमाम अरमान, कुछ तुझे पाने निकले, तो कुछ मुझे समझाने निकले..

मोहब्बत तो दिल से की थी, दिमाग उसने लगा लिया दिल तोड़ दिया मेरा उसने और इल्जाम मुझ पर लगा दिया!

मोहब्बत तो दिल से की थी, दिमाग उसने लगा लिया दिल तोड़ दिया मेरा उसने और इल्जाम मुझ पर लगा दिया!

कौन था अपना जिस पे इनायत करते हमारी तो हसरत थी, हम भी मोहब्बत करते उसने समझा ही नहीं मुझे किसी काबिल वरना उसे प्यार नहीं उसकी इबादत करते!

कौन था अपना जिस पे इनायत करते हमारी तो हसरत थी, हम भी मोहब्बत करते उसने समझा ही नहीं मुझे किसी काबिल वरना उसे प्यार नहीं उसकी इबादत करते!

 दिल मे कुछ अरमान थे मगर बेदर्द इंसान थे अपना गुजारा कैसे होता कांच का दिल था पत्थर के मकान थे!

दिल मे कुछ अरमान थे मगर बेदर्द इंसान थे अपना गुजारा कैसे होता कांच का दिल था पत्थर के मकान थे!

चिराग जलाने का सलीका सीखो साहब हवाओं पे इल्ज़ाम लगाने से क्या होगा.

चिराग जलाने का सलीका सीखो साहब हवाओं पे इल्ज़ाम लगाने से क्या होगा.

ऐसा नहीं है की मैं अब उन्हें और नहीं चाहता, अब उनका हमे यूँ अनदेखा करना हम से और देखा नहीं जाता।

ऐसा नहीं है की मैं अब उन्हें और नहीं चाहता, अब उनका हमे यूँ अनदेखा करना हम से और देखा नहीं जाता।

  इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने, धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें!

इससे पहले कहीं रूठ न जाएँ मौसम अपने, धड़कते हुए अरमानों एक सुरमई शाम दे दें!