उसकी बेरुखी और मेरी खुदगर्ज़ी, अक्सर दूरियां ले आती हैं।

उसकी बेरुखी और मेरी खुदगर्ज़ी, अक्सर दूरियां ले आती हैं।

Dooriyan Shayari

नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से, मैंने आने न दिया उसको कभी तेरी याद से पहले!

नींद को आज भी शिकवा है मेरी आँखों से, मैंने आने न दिया उसको कभी तेरी याद से पहले!

हज़ार बार मरना चाहा निगाहों मैं डूब कर हमने फ़राज़ वो निगाहें झुका लेते हैं हमें मरने नहीं देते!

हज़ार बार मरना चाहा निगाहों मैं डूब कर हमने फ़राज़ वो निगाहें झुका लेते हैं हमें मरने नहीं देते!

तुम मेरी तरफ देखना छोड़ो तो बताऊँ हर शख्स तुम्हारी ही तरफ देख रहा है!

तुम मेरी तरफ देखना छोड़ो तो बताऊँ हर शख्स तुम्हारी ही तरफ देख रहा है!

मैंने उसको इतना देखा, जितना देखा जा सकता था लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था

मैंने उसको इतना देखा, जितना देखा जा सकता था लेकिन फिर भी दो आँखों से कितना देखा जा सकता था

"क़ैद ख़ानें हैं, बिन सलाख़ों के, कुछ यूँ चर्चें हैं, तुम्हारी आँखों के!

हमारे बीच जो ये दूरियां आयी है, कही न कही इन फासलों के पिछे सारे फैसले तुम्हारे ही तो है।

हमारे बीच जो ये दूरियां आयी है, कही न कही इन फासलों के पिछे सारे फैसले तुम्हारे ही तो है।

लोग पूछते है अब तुम दोनों साथ हो क्या, मैं कहता हूँ जिस्म से नहीं मगर दिल से हाँ शायद।

लोग पूछते है अब तुम दोनों साथ हो क्या, मैं कहता हूँ जिस्म से नहीं मगर दिल से हाँ शायद।

हम तुमसे दूर कैसे रह पाते, दिल से तुमको…कैसे भूल पाते, काश तुम आईने में बसे होते, हम खुद को देखते तो तुम नज़र आते।

हम तुमसे दूर कैसे रह पाते, दिल से तुमको…कैसे भूल पाते, काश तुम आईने में बसे होते, हम खुद को देखते तो तुम नज़र आते।

मैं जितना क़रीब जाना चाहूँ तू उतना ही दूर भागता है मुझे, तू और मैं चुम्बक के एक पहलू से लगते हैं।

मैं जितना क़रीब जाना चाहूँ तू उतना ही दूर भागता है मुझे, तू और मैं चुम्बक के एक पहलू से लगते हैं।

काफी फ़र्क़ है दूर होना और दूर रहने में, काफी फ़र्क़ है अपना होना और अपने कहने में।

काफी फ़र्क़ है दूर होना और दूर रहने में, काफी फ़र्क़ है अपना होना और अपने कहने में।

कभी तो आ बैठ मेरे पास थोड़ा बतियाते है, बढ़ रही है जो दूरियां उन दूरियों को मिटाते हैं।

कभी तो आ बैठ मेरे पास थोड़ा बतियाते है, बढ़ रही है जो दूरियां उन दूरियों को मिटाते हैं।

फासले आते चले गए हम दूर जाते चले गए, गलती दोनों की थी और हम एक दुसरे को गलत बताते चले गए।

फासले आते चले गए हम दूर जाते चले गए, गलती दोनों की थी और हम एक दुसरे को गलत बताते चले गए।

दूर ही थे तो अच्छा था, करीब आकर दूरियां बढ़ा दी हमने।

दूर ही थे तो अच्छा था, करीब आकर दूरियां बढ़ा दी हमने।

 फिर हुआ यूँ की फासले कम ना हुए, इतनी कोशिशों के बाद भी मैं और वो हम ना हुए।

फिर हुआ यूँ की फासले कम ना हुए, इतनी कोशिशों के बाद भी मैं और वो हम ना हुए।

ये दूरियां ना होती हमारे दर्मियां, काश कभी जो सुन लेते तुम मेरी ये खामोशियां।

ये दूरियां ना होती हमारे दर्मियां, काश कभी जो सुन लेते तुम मेरी ये खामोशियां।

दूर रहकर भी तुम्हारी हर, खबर रखते है, हम पास तुम्हे कुछ, इस कदर रखते है!

दूर रहकर भी तुम्हारी हर, खबर रखते है, हम पास तुम्हे कुछ, इस कदर रखते है!

 क़िस्मत में लिखी थी दूरियां शायद, वरना तुझे पाने के लिए मेहनत हमने पूरी की थी।

क़िस्मत में लिखी थी दूरियां शायद, वरना तुझे पाने के लिए मेहनत हमने पूरी की थी।

तेरी तस्वीरों को ही सीने से लगा लेते हैं, दूरियों को हम कुछ इस तरह मिटा लेते हैं।

तेरी तस्वीरों को ही सीने से लगा लेते हैं, दूरियों को हम कुछ इस तरह मिटा लेते हैं।