डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में, मैं नहीं मानती आँसू ज़रा सा पानी है! - Aansu Shayari

डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में, मैं नहीं मानती आँसू ज़रा सा पानी है!

Aansu Shayari