मैं जिसकी गोद में सर रख के सोई वही सपनों में मेरे आ रहा है!

मैं जिसकी गोद में सर रख के सोई वही सपनों में मेरे आ रहा है!

Aarzoo Shayari

तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा”।

तुमने समझा ही नहीं और ना समझना चाहा, हम चाहते ही क्या थे तुमसे “तुम्हारे सिवा”।

तेरे ना होने से ज़िंदगी में, बस इतनी सी कमी रहती है, मैं लाख मुस्कुराऊँ फिर भी, इन आँखों में नमी रहती है!

तेरे ना होने से ज़िंदगी में, बस इतनी सी कमी रहती है, मैं लाख मुस्कुराऊँ फिर भी, इन आँखों में नमी रहती है!

अधूरी हसरतो का आज भी इल्जाम हैँ तुम पर, अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत खत्म नहीँ होती !

अधूरी हसरतो का आज भी इल्जाम हैँ तुम पर, अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत खत्म नहीँ होती !

चाहत वो नहीं जो जान देती है, चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है ऐ दोस्त चाहत तो वो है, जो पानी में गिरा आँसू पहचान लेती है…!

चाहत वो नहीं जो जान देती है, चाहत वो नहीं जो मुस्कान देती है ऐ दोस्त चाहत तो वो है, जो पानी में गिरा आँसू पहचान लेती है…!

लफ्ज़ जब बरसते हैं बन कर बूँदें, मौसम कोई भी हो मन भीग ही जाता है !

लफ्ज़ जब बरसते हैं बन कर बूँदें, मौसम कोई भी हो मन भीग ही जाता है !

खामोश रहने दो लफ़्ज़ों को, आँखों को बयाँ करने दो हकीकत, अश्क जब निकलेंगे झील के, मुक़द्दर से जल जायेंगे अफसाने!

खामोश रहने दो लफ़्ज़ों को, आँखों को बयाँ करने दो हकीकत, अश्क जब निकलेंगे झील के, मुक़द्दर से जल जायेंगे अफसाने!

डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में, मैं नहीं मानती आँसू ज़रा सा पानी है!

डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में, मैं नहीं मानती आँसू ज़रा सा पानी है!

कर लिया तबाह मैंने ख़ुद को मेरी जान देख तेरे दिल की थी ये आरज़ू सो पूरी कर चले!

कर लिया तबाह मैंने ख़ुद को मेरी जान देख तेरे दिल की थी ये आरज़ू सो पूरी कर चले!

कैसी ख़्वाहिश, कौन-सी आरज़ू वक़्त ने जो थमा दिया, वही लेकर चल दिए!

कैसी ख़्वाहिश, कौन-सी आरज़ू वक़्त ने जो थमा दिया, वही लेकर चल दिए!

उम्र-ए-दराज़ मांग के लाये थे चार दिन, दो आरज़ू में कट गए दो इंतजार में,.

उम्र-ए-दराज़ मांग के लाये थे चार दिन, दो आरज़ू में कट गए दो इंतजार में,.

मेरे क्यों कदम फिर तेरी ओर जाए तुझे जब मेरी आरजू ही नहीं है!

मेरे क्यों कदम फिर तेरी ओर जाए तुझे जब मेरी आरजू ही नहीं है!

आरज़ू, हसरत, तमन्ना और ख़ुशी कुछ भी नही, ज़िन्दगी में तू नही तो ज़िन्दगी कुछ भी नही..

आरज़ू, हसरत, तमन्ना और ख़ुशी कुछ भी नही, ज़िन्दगी में तू नही तो ज़िन्दगी कुछ भी नही..

सियासतदार थे वो यार फ़ितरत थी मुकर जाना कि पागल थे लगा बैठे वफ़ा की आरज़ू उनसे!

सियासतदार थे वो यार फ़ितरत थी मुकर जाना कि पागल थे लगा बैठे वफ़ा की आरज़ू उनसे!

हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करें, दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या. हसरत मोहानी.

हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करें, दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या. हसरत मोहानी.

ज़िंदगी मेरी है तो एक ही काम की है आरज़ू तेरी है बस एक ही नाम की है।

ज़िंदगी मेरी है तो एक ही काम की है आरज़ू तेरी है बस एक ही नाम की है।

कोई गिला कोई शिकवा जरा रहे तुमसे, ये आरजू है कि इक सिलसिला रहे तुमसे..

कोई गिला कोई शिकवा जरा रहे तुमसे, ये आरजू है कि इक सिलसिला रहे तुमसे..

मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई

मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई

इसलिए आरज़ू छुपाई है, मुँह से निकली हुई पराई है. क़मर जलालवी.

इसलिए आरज़ू छुपाई है, मुँह से निकली हुई पराई है. क़मर जलालवी.