मेरे क्यों कदम फिर तेरी ओर जाए तुझे जब मेरी आरजू ही नहीं है! - Aarzoo Shayari

मेरे क्यों कदम फिर तेरी ओर जाए तुझे जब मेरी आरजू ही नहीं है!

Aarzoo Shayari