ज़िंदगी मेरी है तो एक ही काम की है आरज़ू तेरी है बस एक ही नाम की है।

ज़िंदगी मेरी है तो एक ही काम की है आरज़ू तेरी है बस एक ही नाम की है।

Aarzoo Shayari

डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में, मैं नहीं मानती आँसू ज़रा सा पानी है!

डूब जाते हैं उम्मीदों के सफ़ीने इस में, मैं नहीं मानती आँसू ज़रा सा पानी है!

कर लिया तबाह मैंने ख़ुद को मेरी जान देख तेरे दिल की थी ये आरज़ू सो पूरी कर चले!

कर लिया तबाह मैंने ख़ुद को मेरी जान देख तेरे दिल की थी ये आरज़ू सो पूरी कर चले!

कैसी ख़्वाहिश, कौन-सी आरज़ू वक़्त ने जो थमा दिया, वही लेकर चल दिए!

कैसी ख़्वाहिश, कौन-सी आरज़ू वक़्त ने जो थमा दिया, वही लेकर चल दिए!

मैं जिसकी गोद में सर रख के सोई वही सपनों में मेरे आ रहा है!

मैं जिसकी गोद में सर रख के सोई वही सपनों में मेरे आ रहा है!

उम्र-ए-दराज़ मांग के लाये थे चार दिन, दो आरज़ू में कट गए दो इंतजार में,.

उम्र-ए-दराज़ मांग के लाये थे चार दिन, दो आरज़ू में कट गए दो इंतजार में,.

मेरे क्यों कदम फिर तेरी ओर जाए तुझे जब मेरी आरजू ही नहीं है!

मेरे क्यों कदम फिर तेरी ओर जाए तुझे जब मेरी आरजू ही नहीं है!

आरज़ू, हसरत, तमन्ना और ख़ुशी कुछ भी नही, ज़िन्दगी में तू नही तो ज़िन्दगी कुछ भी नही..

आरज़ू, हसरत, तमन्ना और ख़ुशी कुछ भी नही, ज़िन्दगी में तू नही तो ज़िन्दगी कुछ भी नही..

सियासतदार थे वो यार फ़ितरत थी मुकर जाना कि पागल थे लगा बैठे वफ़ा की आरज़ू उनसे!

सियासतदार थे वो यार फ़ितरत थी मुकर जाना कि पागल थे लगा बैठे वफ़ा की आरज़ू उनसे!

हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करें, दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या. हसरत मोहानी.

हम क्या करें अगर न तिरी आरज़ू करें, दुनिया में और भी कोई तेरे सिवा है क्या. हसरत मोहानी.

कोई गिला कोई शिकवा जरा रहे तुमसे, ये आरजू है कि इक सिलसिला रहे तुमसे..

कोई गिला कोई शिकवा जरा रहे तुमसे, ये आरजू है कि इक सिलसिला रहे तुमसे..

मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई

मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ नक़ाब ख़ुद उन को ये इंतिज़ार तक़ाज़ा करे कोई

इसलिए आरज़ू छुपाई है, मुँह से निकली हुई पराई है. क़मर जलालवी.

इसलिए आरज़ू छुपाई है, मुँह से निकली हुई पराई है. क़मर जलालवी.

यही है आरज़ू बस आप से दिलबर जरा दिल तोड़िए आहिस्ता आहिस्ता!

यही है आरज़ू बस आप से दिलबर जरा दिल तोड़िए आहिस्ता आहिस्ता!

ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू, हम किससे करें बात, कोई बोलता ही नही!

ख़ामोश सा शहर और गुफ़्तगू की आरज़ू, हम किससे करें बात, कोई बोलता ही नही!

वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए, जीने की आरज़ू में कई बार मर गए!

वो हादसे भी दहर में हम पर गुज़र गए, जीने की आरज़ू में कई बार मर गए!

आरज़ू तुमसे आरज़ू है मेरी तुम मेरी आरज़ू बनोगी क्या

आरज़ू तुमसे आरज़ू है मेरी तुम मेरी आरज़ू बनोगी क्या

तुझसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी, देखा तुम्हें तो तेरे तलबगार हो गये…

तुझसे मिले न थे तो कोई आरजू न थी, देखा तुम्हें तो तेरे तलबगार हो गये…

कटती है आरज़ू के सहारे ज़िन्दगी, कैसे कहूँ किसी की तमन्ना नहीं..

कटती है आरज़ू के सहारे ज़िन्दगी, कैसे कहूँ किसी की तमन्ना नहीं..